सरकार ने ग्रामीण सम्पंतियो के मुद्रीकरण को तेजी देने के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया है। (Svamitva Yojana) स्वामित्व योजना (Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology in Village Areas – Svamitva)) के तहत वित वर्ष 2026 अंत तक देश के लगभग 3.46 लाख गावों में 4.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनकी संपत्तियों के क़ानूनी स्वामित्व दस्तावेज देने की तैयारी चल रही है। इस योजना में ग्रामीण परिवारों को उनके घर और जमीन पर वैध स्वामित्व प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे।
अब तक 1.65 लाख गावों में 2.47 करोड़ लोगो को सम्पति के स्वामित्व कागजात दिए जा चुके है, जबकि 3.28 लाख गावों में ड्रोन सर्वे पूरा हूँ चूका है। ड्रोन और आधुनिक मैपिंग तकनीकों की मदद से हर घर और सम्पति सीमाएं सटीक रूप से चिन्हित की जा रही हैं।
Table of Contents
Toggleराजस्थान की अन्य मंडियों के भाव
| जोधपुर मंडी भाव | जयपुर मंडी भाव |
| मेड़ता मंडी भाव | नागौर मंडी भाव |
| भरतपुर मंडी भाव | कोटा मंडी भाव |
| दौसा मंडी भाव | बारां मंडी भाव |
| सवाई माधोपुर मंडी भाव | अलवर मंडी भाव |
| झुंझुनू मंडी भाव | सीकर मंडी भाव |
| बीकानेर मंडी भाव |

सर्वे का 95 प्रतिशत काम पूरा –
पंचायती राज मंत्रालय के एक अधिकारी ने फाइनशियल एक्सप्रेस को बताया हमारा लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक 4.5 से 5 करोड़ ग्रामीण परिवारों स्वामित्व प्रमाण पत्र सौंपे जाए. इसके लिए 95 से सर्वे काम पूरा हो चूका है.
पहले ग्रामीण क्षेत्रों में क़ानूनी रिकॉर्ड की अनुउपलव्धता के कारण लोग अपनी सम्पतियो को आर्थिक संसाधनों के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पाते थे। इस कारण बैंक लोन लेना और घर का नवीनीकरण करना मुश्किल होता था।
दशकों पुरानी वयवस्था में बदलाव –
स्वामित्व योजना ने उस परंपारिक वयवस्था को बदल दिया है। जिससे भूमि स्वामित्व का निर्धारण केवल राजस्व अधिकारियों या पटवारियों पर निर्भर था, अब तक 3 लाख से अधिक गावों में लगभग 67 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिसका अनुमानित मुल्य 132 लाख करोड़ रूपये से भी अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत में लगभग 100 करोड़ रूपये की सम्पति मुल्य अनलॉक हुआ है।
2020 में हुई थी शुरू हुई थी –
स्वामित्व योजना 2020 में शुरू की गयी थी, जिसका उदेश्य सभी ग्रामीण परिवारों को उनके मकान और और जमीन पर वैध स्वामित्व रिकॉर्ड प्रदान करना है, इससे न केवल सम्पतियो का मुद्रीकरण आसान होता है, बल्कि मकान और जमीन पर वैध स्वामित्व विवादों में कमी आएगी और ग्रामीण योजनाओ की बेहतर योजना बनायीं जा सकती है।
राज्यों की स्थिति –
उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, और राजस्थान जैसे राज्यों में सबसे अधिक सम्पति कार्ड जारी किये गए है। वहीं तेलांगना,तमिलनाडु, बिहार, और पश्चिम बंगाल ने अपनी अलग सर्वे प्रणाली का हवाल देते हुए फिलाहल इस राष्ट्रीय योजना से दुरी बनाए रखी है।

हालांकि यह योजना अनुसूचित जनजातियों क्षेत्रों में लागू नहीं होती है, क्योकि वह ज़मीन सामुदयिक स्वामित्व में होती है। अब तक हरियाणा, उतराखंड, त्रिपुरा, गोवा, पांडुचेरी, और अंडमान निकोबार जैसे राज्यों में सभी आबादी वाले गावों में सम्पति अधिकार कार्ड जारी किये जा चुके है।
मध्यप्रदेश की अन्य मंडियों के भाव –
| इंदौर मंडी भाव | उज्जैन मंडी भाव |
| भोपाल मंडी भाव | रतलाम मंडी भाव |
| खंडवा मंडी भाव | नीमच मंडी भाव |
| मंदसौर मंडी भाव | ग्वालियर मंडी भाव |

स्वामित्व कार्ड (Property Card) से क्या लाभ मिलेगा?
उत्तर संपत्ति पर कानूनी मालिकाना हक प्राप्त होगा
बैंक से लोन लेना आसान होगा
घर या जमीन बेचने/खरीदने की प्रक्रिया पारदर्शी होगी
परिवारिक विवादों में कमी आएगी
क्या स्वामित्व योजना से बैंक लोन मिल सकता है?
उत्तर: हां, स्वामित्व कार्ड एक कानूनी दस्तावेज है। इसे संपत्ति के सबूत के रूप में बैंक में पेश करके होम लोन या बिजनेस लोन लिया जा सकता है।
स्वामित्व योजना क्या है?
स्वामित्व योजना 2020 में शुरू की गयी थी, जिसका उदेश्य सभी ग्रामीण परिवारों को उनके मकान और और जमीन पर वैध स्वामित्व रिकॉर्ड प्रदान करना है, इससे न केवल सम्पतियो का मुद्रीकरण आसान होता है, बल्कि मकान और जमीन पर वैध स्वामित्व विवादों में कमी आएगी और ग्रामीण योजनाओ की बेहतर योजना बनायीं जा सकती है।
स्वामित्व योजना कब शुरू हुई थी?
स्वामित्व योजना की शुरुआत वर्ष 2020 में हुई थी। इसका संचालन पंचायती राज मंत्रालय द्वारा किया जाता है।






